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स्विट्जरलैंड में नौवीं बार आयरन मैन बने भागलपुर के सत्यम शंकर सहाय, ट्रायथलन में हिस्सा लेने वाले अकेले भारतीय // LIVE NEWS 24

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न्यूज डेस्क : बिहार के भागलपुर जिला के सत्यम शंकर सहाय वर्ल्ड ट्रायथलॉन कॉरपोरेशन द्वारा स्विट्जरलैंड में आयोजित प्रतियोगिता को सफलतापूर्वक पूरा कर नौवीं बार आयरनमैन बने हैं। इसे दुनिया की कठिन प्रतियोगिताओं में से एक माना जाता है। सत्यम दिल्ली में एक शिक्षण संस्था चलाते हैं, जिसकी दिल्ली सहित देशभर में 16 शाखाएं हैं। सिर्फ इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए वह स्विट्जरलैंड के थुन गए थे। 

पांच सितंबर को हुई इस प्रतियोगिता में एक ही दिन में तीन तरह के इवेंट को 17 घंटे के अंदर पूरा करने वाले को ही आयरनमैन का प्रमाणपत्र मिलता है। इन तीन इवेंट में 3.8 किलोमीटर की तैराकी, 180 किलोमीटर की साइकिलिंग और अंत में 42.1 किलोमीटर की मैराथन दौड़ में सत्यम ने सफलता प्राप्त की। तीनों इवेंट को उन्होंने 13 घंटे 18 मिनट में पूरा कर लिया।

उन्होंने बताया कि साइकिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण काफी कठिन था। इसके साथ स्विट्जरलैंड में तैराकी झील में हुई थी। जिसके पानी का तापमान 16 डिग्री होने के कारण काफी मुश्किल था। सत्यम ने बताया कि इसके पहले दूसरे देशों में हुई प्रतियोगिताओं में वह समुद्र में भी तैराकी कर चुके हैं। इस प्रतियोगिता में विभिन्न देशों के करीब 1200 लोग शामिल हुए थे, जिसमें से वह इकलौते भारतीय थे। 

सत्यम ने कहा कि वह नियमित रूप से साइकिलिंग और दौड़ करते हैं। इसके लिए वह एक सप्ताह में 14 से 15 घंटे का समय देते हैं। दिल्ली या नोएडा जैसे शहरों में भी वह फ्री होकर साइकिलिंग या दौड़ नहीं कर पाते हैं। विदेश की तरह सुविधा तैयार होने में भारत में कई साल लग जाएंगे। वह 2017 से इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं।

क्या है ट्रायथलन
ट्रायथलन एक बहु-खेल प्रतिस्पर्धा हैं जिसमें तीन प्रतिस्पर्धाओं को पूरा करना शामिल होता है। ट्रायथलन में विभिन्न दूरी की तैराकी, साइकिल चालन और दौड़ना शामिल है।

ग्रासिम मिस्टर इंडिया में रनरअप
सत्यम 2003 में ग्रासिम मिस्टर इंडिया में भी रनरअप थे। इस तरह की अन्य प्रतियोगिताओं में भी वह भाग ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए और इसके लिए नियमित रूप से प्रयास भी करना चाहिए। इसके लिए खानपान पर भी लोगों को ध्यान देना चाहिए। एयरफोर्स से सेवानिवृत उनके पिता एयर कोमोडोर अजीत सहाय ने कहा कि यह उसका पैशन है। वह भागलपुर के कचहरी चौक स्थित अपने घर आते हैं तो यहां भी वह नियमित रूप से गतिविधियां करते रहते हैं।