न्यूज डेस्क : बरौनी-कटिहार रेलखंड पर सिरैया गांव के समीप कटिहार की ओर से 133/4 व बरौनी की ओर से 134/2 किलोमीटर पर करीब 20 से 30 मीटर दूरी तक रेलवे ट्रैक के नीचे से मिट्टी खिसक जाने से डाउन लाइन पर आवागमन सोमवार की रात करीब 9 बजे से पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। करीब दो-ढाई फीट मिट्टी खिसक जाने से ट्रैक धंस गया और बिजली के तार के लिए लगे पोल झुक गये।
जानकारी के अनुसार उस समय कामख्या स्पेशल कैपिटल एक्सप्रेस ट्रेन को उसी ट्रैक से गुजारा जा रहा था, लेकिन वहां मरम्मत कार्य में लगे कर्मियों, अधिकारियों व लोको पायलट की सूझबूझ से उक्त ट्रेन को रोका गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया। बताया जा रहा है कि वहां कैपिटल एक्सप्रेस घंटों रुकी रही। बाद में बरौनी से डीजल इंजन मंगाकर ट्रेन को साहेबपुरकमाल स्टेशन लाया गया और उसे अप लाइन से रवाना किया गया।
रेल प्रशासन को सोमवार की रात करीब नौ बजे ही उक्त स्थल पर रेलवे ट्रैक में गड़बड़ी व भूस्खलन की जानकारी मिल गयी थी और रेलवे के बड़े-बड़े अधिकारी यहां के लिए रवाना हो गए। एडीआरएम व वरीय इंजीनियरों की टीम ने मौके पर पहुंच ट्रैक की मरम्मत का कार्य शुरू किया। सूत्रों के अनुसार मरम्मत के बीच कुछ ट्रेनों को कम गति से उक्त ट्रैक से चलाया भी गया लेकिन बाद में देर रात रेलवे ट्रैक के नीचे अधिक भूस्खलन होने लगा। ट्रैक के नीचे की करीब-क़रीब दो-ढाई फीट जमीन खिसक गयी।
रेलवे ट्रैक के नीचे भूस्खलन के कारण अप व डाउन लाइन की कई गाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ। जानकारी के मुताबिक इस दौरान दिल्ली-गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस, सीमांचल एक्सप्रेस, महानंदा एक्सप्रेस सहित कई सवारी गाड़ियां साहेबपुरकमाल, लखमिनिया व खगड़िया स्टेशन पर घंटों खड़ी रहीं और अप लाइन के जरिए बारी-बारी से उक्त ट्रेनों को चलाया गया। कई ट्रेनों जैसे अवध-असम एक्सप्रेस ट्रेन आदि के रूट में बदलाव कर दूसरे रूट से चलाया गया। अंतिम समाचार मिलने तक ट्रैक की मरम्मत का काम जारी था। वरीय अधिकारियों व अभियंताओं की टीम के नेतृत्व में रेलकर्मी ट्रैक की मरम्मत में जुटे हुए थे। इस संबंध पर पूछे जाने मौके पर मौजूद अधिकारी ने कुछ भी बताने में असमर्थता जतायी।
इधर, पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर जोन के मुख्य सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि भूस्खलन के कारण धंसे रेलवे ट्रैक की मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। फिलहाल अप लाइन से ट्रेनों का परिचालन कराया जा रहा है। जब तक पूरी तरह से रेलवे ट्रैक की मरम्मत नहीं हो जाती तब तक यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि ट्रैक पर ट्रेनों का परिचालन कब शुरू किया जाएगा।


