
न्यूज़ डेस्क : टी बी एक बैक्टीरिया जनित रोग है जो शरीर के महत्वपूर्ण अंग फेफड़े को संक्रमित कर देती है। ये कष्टप्रद है पर लाइलाज नहीं, उक्त बातें मैटी अल्टरनेटिव मेडिकल कौंसिल एवं शिव प्राण मैटी मिशन ऑफ इण्डिया के द्वारा गंगाघाट नारायणपुर में विश्व टी बी दिवस पर आयोजित "टी बी और इलेक्ट्रो होम्योपैथी" संगोष्ठी में बोलते हुए डॉ. सुभाष कुमार विद्यार्थी नें कहा। डॉ विद्यार्थी नें कहा कि जब दो सप्ताह से खाँसी के साथ बुखार भी आने लगे तो टी बी रोग की आशंका हो जाती है इसलिए इस अवस्था में लापरवाही न कर उचित जाँच और इलाज कराने की आवश्यकता है। प्रो. अजित कुमार ने कहा कि टी बी एक कष्टप्रद बीमारी है लेकिन इलेक्ट्रो होम्योपैथी की हानिरहित वानस्पतिक औषधि से इसका सम्पूर्ण इलाज है इतना ही नहीं इस बीमारी का सरकारी अस्पताल में भी काफी कारगर दवाई उपलब्ध है। इस अवसर पर डॉ. सुधांशु कुमार, डॉ. आर यू शर्मा नें लोगो को टी बी बीमारी के प्रति तरह तरह की भ्रांतियों को छोड़कर जागरूक होने की आवश्यकता है।
