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इन्होंने कहा कि छात्रों को स्वस्थ रहना नितांत आवश्यक इसके लिए पूर्ण वानस्पतिक चिकित्सा इलेक्ट्रो होम्योपैथी को भी उपयोग करना चाहिए. इस अवसर पर मैटी इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिकल कौंसिल के निदेशक डॉ. सुभाष कुमार विद्यार्थी ने कहा इलेक्ट्रो होम्योपैथी की खोज डॉ काउन्ट सीजर मैटी साहब द्वारा 1865 ई. में की गई.
इसकी समस्त दवाइयाँ विशुद्ध वनस्पतियों से कोहोबेशन विधि से तैयार की गई है जो शरीर के रस और रक्त को शुद्ध कर रोगों को समूल ठीक करती है. आज के युवा इस पद्धति को अपनाकर स्वस्थ रहते हुए अपना कैरियर भी बना सकते हैं. इस अवसर पर सैकड़ों छात्र - छात्राओं की उपस्थिति रही एवं कार्यक्रम संचालन शिक्षक पंकज कुमार शर्मा ने किया.
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