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माउंट कार्मेल हाईस्कूल, ने किया संवाद सेमिनार कार्यक्रम का आयोजन // LIVE NEWS 24

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 चान्दन शिव शक्ति भवन, चान्दन नदी के पास माउंट कार्मेल हाई स्कूल, देवघर द्वारा सामाजिक, बुद्धिजीवीयों एवं अभिभावकगण के साथ  संवाद (सेमिनार) का आयोजन किया गया। आयोजन में कोई खास भीड़ देखने को नहीं मिला जिससे विद्यालय के मैनेजिंग डायरेक्टर मिस्टर मनोहर, प्रिंसिपल अनीता एवं विद्यालय परिवार से आए हुए शिक्षक एवं शिक्षिकाओं में मायूसी देखने को मिला लेकिन मैनेजिंग डायरेक्टर मनोहर जी ने बताया कि चांदन में मेरा सामाजिक, बुद्धिजीवियों एवं अभिभावकों के बीच पहली बार  संवाद सेमिनार का आयोजन किया गया इसलिए अभिभावकगणों की संख्या इस संवाद सेमिनार में कम है। मुझे विश्वास है कि आने वाले संवाद सेमिनार में बुद्धिजीवियों और अभिभावकगणों को हम बैठने की जगह नहीं दे पाएं। हमें  चांदन प्रखंड  क्षेत्र में अभिभावकों में बच्चों के भविष्य के प्रति थोड़ा जागरूकता लाना होगा और माउंट कार्मेल हाई स्कूल इसकी पूरी जिम्मेदारी के साथ बच्चों के प्रति पढ़ाई को लेकर पूरी मेहनत करती है। सबसे बढ़ी बात है कि माउंट कार्मेल हाई स्कूल में बच्चों के नामांकन फीस मात्र नाम के  लिया जा रहा है और ट्यूशन फीस  दूसरे स्कूलों के तुलना में  बहुत ही कम है। किताबें भी सस्ती है  जिससे ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकगण अपने बच्चों को पूरी शिक्षा दे सके। संवाद कार्यक्रम में प्रिंसिपल अनीता ने एक बहुत बड़ी बात कही जो सत्य भी है, उन्होंने संवाद कार्यक्रम में कहा पूत कपूत तो क्यों धन संचय और पूत सपूत तो क्यों धन संचय। इसका अर्थ भी उन्होंने संवाद कार्यक्रम में  बहुत ही अच्छी तरह से  समझाते हुए कहा, सन्तान यदि कुमार्गी हो तो पिता की अर्जित कमाई में आग लगा देगा , उसे स्वाहा कर देगा। फिर पिता के द्वारा अर्जित धन का कोई प्रयोजन नहीं रह जाता। प्रवाईहित नदी में बालुओं से घर बनाने जैसी उसकी गति होगी। पिता के हाथ पाश्चाताप के अतिरिक्त और कुछ हाथ नहीं आयेगा। परन्तु पुत्र यदि संस्कारी हो तो वह अपने परिश्रम के बल पर पुनः सम्पत्ति कमा लेगा। अगर गहराई से सोचें तो  बेटा और बेटी दोनों को शिक्षा - दीक्षा पर होने वाले खर्च की चिन्ता पिता न करें जबकि आरंभिक पंक्ति में पिता के लिये सीख है कि संतान को संस्कारी बनाने का प्रयास करें। दोनों ही स्थितियों में पैसे को पकड़ने का प्रयास न करे। बच्चों को शिक्षा देने में भरपूर प्रयास करें।