
संवाददाता : सम्भू सेन (सरायकेला)
ईचागढ़- ईचागढ़ प्रखंड के गांव कुन्द्री लोंग में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण का समापन हवन यज्ञ एवं कलश विसर्जन शोभायात्रा के साथ हुआ। कथा समापन के दिन राधाकृष्ण के संग भक्तों द्वारा खेली गई होली ने ब्रज का अहसास दिला दिया। फाग खेलन आयौ है नटवर नन्दकिशोर की अभिव्यक्ति पर श्रोताओं ने जमकर नृत्य किया।
कथा में बालिका गायत्री व चंदना द्वारा राधाकृष्ण की मनमोहक झांकी ने सभी का मन मोह लिया।
व्यासपीठ पर विराजमान कथा व्यास पं. अनुपानंद जी महाराज ने सुदामा चरित्र का वर्णन किया। कथा प्रांगण में फूलों के साथ साथ रंग गुलाल की होली खेली गई। राधाकुंड- वृंदावन से आये बृजकांत दास महाराज ने राधाकृष्ण की प्रेम लीला से भक्तों को रसपान कराया। हवन यज्ञ में वासुदेव चटर्जी ने पुर्णाहुति कराई। सोमनाथ चटर्जी के निर्देशन में निकाली की समापन यात्रा के बाद करकरी नदी में 108 कलश का विसर्जन कराया। अवसर पर विवेकानन्द चटर्जी, कृष्ण चन्द्र दुबे, जयदेव दास, मीरा चटर्जी, कुलदीप गोप, सुलेखा गोस्वामी, पंचन दास, आशीष चटर्जी, स्नेहा, सोना, झरना, रियादास, बुध्देश्वर लायक, रंजीत लायक, गोविंद लायक आदि थे।
