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न्यूज़ डेस्क : खुद को स्वस्थ रहना जितनी आवश्यकता है उतनी ही जरूरत है औरों को भी स्वस्थ रखना. उक्त बातें मैटी अल्टरनेटिव मेडिकल कौंसिल नई दिल्ली के सौजन्य से सहरसा जिले के सलखुआ स्थित ज्ञान गंगा पब्लिक स्कूल के परिसर में "स्वास्थ्य और इलेक्ट्रो होम्योपैथी" विषयक कार्यशाला में बोलते हुए कौंसिल के निदेशक इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. सुभाष कुमार विद्यार्थी नें कहा. इन्होंने कहा कि मानव को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद, एलोपैथी, होम्योपैथी, योग, नेचुरोपैथी के अलावे एक और चिकित्सा पद्धति है जिसका नाम है-इलेक्ट्रो होम्योपैथी. इलेक्ट्रो होम्योपैथी 1865 ई. में इटली के डॉ. काउन्ट सीजर मैटी साहब द्वारा आविष्कृत है जो शरीरस्थ 'रस' (लिम्फ) और 'रक्त' (ब्लड) को शुद्ध कर बीमारी को ठीक करती है. इसकी समस्त औषधियाँ केवल वनस्पतियों एवं परिश्रुत जल से तैयार की जाती है.
डॉ. विद्यार्थी ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को बताया कि जहाँ एक ओर इसकी औषधि सेवन से आप स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं वहीं दूसरी ओर इसका प्रशिक्षण प्राप्त कर आप एक चिकित्सक बन स्वस्थ समाज नवनिर्माण में अपना सहयोग देते हुए सम्मान जनक स्वरोजगार प्राप्त कर सकते हैं. इस अवसर पर शिक्षक नीतीश कुमार, आशुतोष कुमार, चंदेश्वरी मेहता, शशि वर्मा, मनीष कुमार, राजन सिंह सहित करीब 80 छात्र-छात्राओं ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त किया.