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किडनैपिंग केस क्रैक करने में माहिर, बाहुबलियों पर सख्त, शहाबुद्दीन को भेजा था जेल, बिहार के नए DGP के मशहूर हैं कई किस्से // LIVE NEWS24

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न्यूज डेस्क : बिहार सरकार ने राज्य के नए पुलिस महानिदेशक के नाम का ऐलान कर दिया है. भारतीय पुलिस सेवा के सीनियर अफसर राजविंदर सिंह भट्टी अब सूबे के नए डीजीपी होंगे. वह एस.के. सिंघल का स्थान लेंगे, जो 19 दिसंबर को रिटायर हो गए. भट्टी 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वे बिहार कैडर के तेज तर्रार और कड़क आईपीएस अफसर माने जाते हैं.

गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना
फिलहाल, भट्टी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. वह सीमा सुरक्षा बल में अतिरिक्त महानिदेशक (पूर्वी कमान) के तौर पर तैनात हैं. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले राजविंदर सिंह भट्टी बिहार सशस्त्र पुलिस बल के महानिदेशक हुआ करते थे. उनकी नियुक्ति को लेकर राज्य के गृह विभाग ने रविवार को अधिसूचना जारी की थी. जिसके मुताबिक, बिहार कैडर के 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी राजविंदर सिंह भट्टी को अगले आदेश तक बिहार का डीजीपी का नियुक्त किया गया है.

कई पदों पर रह चुके हैं आर.एस. भट्टी
बिहार में पुलिस विभाग के विभिन्न पदों पर तैनात रह चुके राजविंदर सिंह भट्टी ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए सीबीआई के संयुक्त निदेशक पद पर भी अपनी सेवाएं दी हैं. वह बिहार के कई जिलों में पुलिस अधीक्षक (SP) और डीआईजी, आईजी रह चुके हैं. बिहार में तैनाती के दौरान कई ऐसे मामले हैं, जिनका खुलासा राजविंदर सिंह भट्टी ने किया था. इसी तरह से बिहार में दबंगों और बाहुबलियों पर नकेल डालने के लिए भी उनका नाम जाना जाता है.

ऐसे मुक्त कराया था डॉक्टर का बेटा
90 का दशक चल रहा था. राजविंदर सिंह भट्टी नौजवान आईपीएस अफसर थे. तब वे गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक थे. मगर उस समय वे छुट्टी पर अपने घर चंडीगढ़ में थे. तभी छपरा से एक डॉक्टर के पुत्र को अगवा कर लिया गया. इस घटना से नाराज सभी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. इलाज ना मिलने से जनता बेहाल हो गई. विपक्षी दल हंगामा कर रहे थे. तब तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने बच्चे को सकुशल बरामद करने का काम आर.एस. भट्टी को सौंप दिया. भट्टी को चंडीगढ़ से वापस पटना लाने के लिए विशेष सरकारी विमान भेजा गया.

भट्टी वापस बिहार पहुंचे और एक ऑपरेशन शुरु किया. नतीजा ये हुआ कि उनकी टीम ने महज सप्ताहभर में ही बच्चे को यूपी के मिर्जापुर जिले से सकुशल बरामद कर लिया था. इसके अलावा कई ऐसे मामले थे, जिनका खुलासा भट्टी ने ही किया था. राज्य भर में कोई भी किडनैपिंग केस हो, उसके लिए आरएस भट्टी को लाया जाता था, और वो उन मामलों को क्रैक करते थे.

शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी
साल 2005 में बिहार का विधानसभा चुनाव था. आईपीएस आर.एस.भट्टी डेप्यूटेशन से लौटकर बिहार आए थे. तब उन्हें सारण रेंज का डीआईजी बनाया गया था. उन दिनों सिवान का बाहुबली शहाबुद्दीन फरार चल रहा था. पुलिस उस तक पहुंच नहीं पा रही थी. इस बीच डीआईजी भट्टी को अपने सूत्रों से खबर मिली कि शहाबुद्दीन दिल्ली में अपने निजी फ्लैट पर है.

ये इत्तिला मिलते ही आर.एस. भट्टी ने अपने विश्वासपात्र पांच पुलिस अफसरों की एक टीम तैयार की और दिल्ली रवाना हो गए. शहाबुद्दीन दिल्ली के द्वारका इलाके में छुपा था. पहले भट्टी की टीम ने ये बात पुख्ता कर ली कि शहाबुद्दीन उसे फ्लैट में है और फिर दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद बजाय ट्रेन या कार के, उसे एक विशेष हेलीकॉप्टर से पटना लाया गया था.

बाहुबलियों पर कसा शिकंजा
इसके अलावा भी कई दबंगों और बाहुबलियों पर शिकंजा कसने के लिए आईपीएस भट्टी का नाम मशहूर रहा है. उन्होंने मोकामा के पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह के भाई दिलीप सिंह पर जहां लगाम लगाने का काम किया था, वहीं सारण के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता प्रभुनाथ सिंह को भी डीआईजी भट्टी ने उस वक्त जमीन पर ला दिया था. उनकी छवि एक ईमानदार और कड़क पुलिस अफसर की रही है.