
इसके पश्चात बीईओ साहब ने शिक्षक उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर किया। फिर विद्यालय के भवनों तथा कक्षाओं का परीक्षण कर प्रसन्नता प्रकट किया और कहा कि देहाती क्षेत्र में इतना भव्य विद्यालय का संचालन सराहनीय है । फिर इफ़्तिखार सर ने बताया कि यहां सभी धर्म के बच्चे पढ़ते हैं और हमारे यहां सभी धर्म के शिक्षकगण भी बिना किसी भेदभाव के पठन-पाठन के कार्य पर कार्यरत हैं।इस के पश्चात बीईओ साहब ने उल्लासपूर्वक कहा कि मैं भी संयुक्त शिक्षा मदरसा में भी प्राप्त की है और एक उदाहरण देते हुए कहा कि यदि मेरा रक्त और आप का रक्त निकाल कर किसी वैज्ञानिक अथवा डाक्टर से पूछा जाए कि रक्त की जांच कर मुस्लिम और हिन्दू का रक्त अलग कर दिखाएं तो कतई नहीं कर सकते। अतः हमें मिलजुल कर रहना चाहिए और देश को उन्नतिशील बनाना चाहिए।
फिर हास्टल प्रभारी मो0 मुरसलीन अल-हिंदी से मुस्कुराते हुए केंद्रित हो बातें करते हुए कहा कि "आप से मिल कर बहुत खुशी हुई। आप यह कभी भी मत सोचिये कि मैं प्राइवेट स्कूल के टीचर हूँ और वह सरकारी स्कूल के, यह पुन्य के कार्य हैं जिसमें कोई छोटा बड़ा नहीं होता ... । उन्होंने कई उदाहरण भी दिया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि " मुझे आप का स्कूल विजिट कर बहुत अच्छा लगा और खुशी भी हुई। इसी तत्परता के साथ बच्चों के विकास के कार्य हरसंभव करने का प्रयास करते रहेंगे"
फिर जल पान कर शांतिपूर्वक एवं हर्षोल्लास के साथ गर्वित होकर विद्यालय से प्रस्थान हुए । उस समय प्रधानाचार्य, सहायक संचालक तथा हास्टल प्रभारी ने बहुत आभार प्रकट कर धन्यवाद दिया।
(नमाज़ का समय होने के कारण बच्चों से बात न कर सके। सभी बच्चे नमाज़ के लिए मस्जिद में इकट्ठे थे।जिसका खेद भी व्यक्त किया )
