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राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से नेशनल वाटर अवार्ड लेते गया के डीएम त्यागराजन एस एम सम्मानित // LIVE NEWS 24

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संवाददाता- निरंजन कुमार, गया 
 बिहार के गया को नेशनल वाटर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गया के जिलाधिकारी त्यागराजन एस एम को यह अवार्ड दिया है।
गया जिले को जल जीवन हरियाली के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने को लेकर एक बड़ा सम्मान मिला है। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गया के जिलाधिकारी डा. त्यागराजन एसएम को नेशनल वाटर अवार्ड से सम्मानित किया है। देश की राजधानी नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने नेशनल वाटर अवार्ड्स का सम्मान दिया। यह सम्मान गया जिले के नीमचक बथानी प्रखंड के तेलारी पंचायत में पिछले वर्ष हुए वर्षा जल संचयन संरचना निर्माण के अनोखे कार्य को लेकर दिया गया। इस वर्षा जल संरक्षण के प्रयास को पूरे देश भर में सराहा गया है। प्रखण्ड मुख्यालय में यह संरचना बनी है। स्थानीय तेलासिन पहाड़ी के वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए यहां विस्तृत काम हुआ था। 
जिलाधिकारी ने बताया कि गया जिला के सुदूरवर्ती नीमचक बथानी प्रखंड के तेलारी पंचायत, जो जिला मुख्यालय से लगभग 42 किलोमीटर दूर है। पहाड़ी एवं सूखा क्षेत्र होने के कारण इस पंचायत में जल संरचना की उपलब्धि एक कठिन प्रक्रिया से होकर गुजरी है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत करीब 10 महीने के समय में इस परियोजना का निर्माण पूर्ण किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत लगभग 95 एकड़ पहाड़ पर होने वाली वर्षा जल के संचयन के लिए विशेष संरचना बनाई गई। भूगर्भ जल को समृद्ध करने व हरित आवरण को विस्तारित करने की जो उपलब्धि हासिल की गई, वह पूरे देश में एक क्रांतिकारी उपलब्धि के रूप में चिन्हित की गई। यह बिहार ही नहीं पूरे देश के लिए एक मिसाल है।
इसी कड़ी में ग्रामीण विकास विभाग, नई दिल्ली, भारत द्वारा भी इस परियोजना को विशेष पहचान मिली है। इस परियोजना में मुख्य रूप से जल निकासी सारणी, जल संरचना टैंक, रिचार्ज बोरवेल, रि-यूज़ वाटर टैंक, रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग, तालाब की खुदाई, पौधारोपण, चेक डैम निर्माण सहित अन्य अव्यव शामिल है।

22 फीट ऊपर आया भूगर्भ का पानी 

परियोजना की उपलब्धियों में मुख्य रूप से भूगर्भ जल स्तर में लगभग 22 फ़ीट का वृद्धि हुई है। जो काफी लाभदायक है। इस पंचायत के अंतर्गत सभी चापाकल एवं बोरिंग जो भीषण गर्मी में सक्रिय रूप से कार्य किया है। इस परियोजना के तहत जल की हर एक बूंद का संचयन, निष्पादन एवं विस्तारण हुआ है। हरित आवरण का विकास काफी प्रभावशाली रूप में हुआ है। समीपवर्ती क्षेत्रों में पूरे वर्ष भर खेती हेतु जल की उपलब्धता रह रही है। इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से यह सुनिश्चित किया गया है कि ऐसी परियोजना किसी भी पहाड़ी एवं सूखा क्षेत्र में क्रियान्वित कर उस क्षेत्र का विकास किया जा सकता है