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बाराचट्टी के अंजनियाटाॅड में निकलने लगा लेमन ग्रास का तेल, एक लीटर 1500 रुपये में बिकेगा, डीएम ने किया निरीक्षण। // LIVE NEWS 24

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संवाददाता- निरंजन कुमार, गया
गया। विशेष केन्द्रीय सहायता योजना से गया जिला के पाँच प्रखण्डों बाराचट्टी, डोभी, बांकेबाजार, इमामगंज एवं कोंच में 20-20 एकड़ के कल्सटर में जिला प्रशासन द्वारा उद्यान विभाग की देखरेख में लेमनग्रास की खेती करायी गई है। इसी वर्ष 22 जुलाई को जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की देख-रेख में लेमनग्रास की खेती की शुरुआत बाराचट्टी प्रखण्ड के जयगीर पंचायत के अंजनियाटाॅड गाॅव में श्रीमती मंजू देवी के खेत में की गई थी। यह गाव जी॰टी॰ रोड के दक्षिण में जंगलो के बीच स्थित है। जिला प्रशासन द्वारा न सिर्फ लेमनग्रास की खेती के लिये पौध सामग्री उपलब्ध करायी गई, अपितु लेमनग्रास का तेल निकालने के लिये 12 लाख रुपये की लागत से आसवन यंत्र भी स्थापित कराया गया है। आज जिला पदाधिकारी स्वयं लेमनग्रास से निकाले जा रहे तेल का निरीक्षण करने अंजनियाटाॅड गाॅव पहुंचे और विस्तार से मशीन के सभी पहलुओं पर चर्चा किया। महिला किसान मंजू देवी के पति गोविन्द ने जिला पदाधिकारी की उपस्थिति में लेमनग्रास की पत्तियों को मशीन में डालकर तेल निकालकर प्रदर्शित किया। जिला पदाधिकारी को उद्यान विभाग से विशेषज्ञ राजेश सिंह द्वारा जानकारी दिया गया कि तेल में सिट्राॅल की मात्रा के अनुसार तेल का मूल्य निर्धारित होता है। 
गया जिला के लेमनग्रास तेल में पूर्व से 75 से 85% तक सिट्राॅल पाया गया है, इसलिये गया के लेमनग्रास का तेल का मूल्य रु॰ 1200 से 1500 प्रति लीटर के बाजार मूल्य पर बिक सकता है। किसानों ने जानकारी दिया कि सी॰जी॰ हर्बल और मुम्बई की कंपनियों के प्रतिनिधि तेल क्रय करने के इच्छुक हैं। इस अवसर पर जिला पदाधिकारी ने कहा कि यह बहुत ही हर्ष का विषय है कि सरकार के द्वारा प्रारम्भ किये गये कार्यक्रम से किसान लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होने किसानों से कहा कि इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है और इसके लिये इस क्षेत्र के अधिक से अधिक किसानों को लेमनग्रास की खेती के लाभ की जानकारी देनी होगी। इससे एक एकड़ में बहुत कम पानी और अन्य संसाधन का उपयोग करके किसान प्रतिवर्ष 60,000 रुपये तक गाॅव में रहकर आसानी से कमा सकते हैं। उन्होने मौके पर उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी श्री सुदामा महतो एवं सहायक निदेशक, उद्यान श्री शशांक कुमार से कहा कि वे लेमनग्रास के बनने वाले उत्पाद साबुन, हैण्ड सैनेटाईजर आदि को बनाने हेतु किसानों को प्रषिक्षित करें, जिससे अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो सकें इसके बाद जिला पदाधिकारी बाराचट्टी के ही बारा पंचायत के भगहर ग्राम में मनोज कुमार द्वारा बायोफ्लाॅक तकनीकी से मछली उत्पादन ईकाई का भ्रमण किये। मनोज कुमार ने जिला पदाधिकारी को जानकारी दिया कि उन्होने लगभग 10 लाख रुपये की लागत से बायोफ्लाॅक ईकाई का निर्माण किया है और उन्हे प्रति वर्ष रु॰ 4,00,000 (चार लाख रुपये) तक की शुद्ध आय प्राप्त हो जाती है।