बिहार के गया का तिलकुट देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मशहूर है. कुछ ही दिनों में मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) है और इसको लेकर गया में सोंधी खुशबू छा गई है. ऐसे तो कई तरह के तिलकुट बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन इस बार लोग एक खास तिलकुट का स्वाद ले सकेंगे. गया जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर बाराचट्टी प्रखंड के सोमिया गांव में कुछ महिलाएं महुआ से तिलकुट तैयार कर रही हैं. यह सामान्य तिलकुट से काफी अलग है और अधिक पौष्टिक भी है. कीमत 500 रुपये प्रति किलो है.दरअसल, नक्सल प्रभावित जिलों के लिए विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत जिला स्तर और पायलट प्रोजेक्ट के तहत गया के इन इलाकों में महुआ से तिलकुट बनाया जा रहा है. जहां विकास व मुख्यधारा की योजनाएं नहीं पहुंच सकी हैं उन इलाकों में वन विभाग गया का अपना अरण्यक ब्रांड के साथ अब लोगों को महुआ तिलकुट मिलेगा. बिहार उत्पाद शुल्क महुआ फूल नियम 2006 के कारण बड़ी संख्या में वन में रहने वाले ग्रामीणों को पारंपरिक और सांस्कृतिक महत्व की वन उपज महुआ जमा करने से रोका जा रहा है और उसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है. वनवासियों को वैकल्पिक आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए यह महुआ प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है.
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